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परमपिता शिव परमात्मा की प्रेरणा से और प्रजापिता ब्रह्मा के संकल्पों से कुदरत की वादियों में बसा एक नयन मनोहर परिसर पौड़ गांव में इस सेवाओं के लिए प्राप्त हुआ। ईश्वरीय सेवाओं को और आगे बढ़ाने के लिए पूना से 40 किलोमीटर दूरी पर निर्मित किया जा रहा है एक मनभावन स्थान ‘हंस सरोवर’। आधुनिक तकनीक से निर्मित यह परिसर वास्तुकला की दृष्टि से भी उत्तम है।

पुणे (र्झीपश) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मुठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। अनेक नामांकित शिक्षण संस्थायें होने के कारण इस शहर को ‘पूरब का ऑक्सफोर्ड’ भी कहा जाता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की ‘सांस्कृतिक राजधानी’ माना जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज की कर्म भूमि भी पुणे ही रही है। अनेक संतो-महंतो ने इस भूमि पर त्याग और तपस्या का परिचय दिया है।

ऐसे ऐतिहासिक पुणे शहर में विश्वव्यापी प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान की मशाल लिए श्रेष्ठ सेवाओं का प्रारम्भ हुआ। ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की आध्यात्मिक किरणों को फैलाने में ब्रह्माकुमारीज़ महायज्ञ के आदि देवी मातेश्वरी जगदम्बा माँ, सुप्रसिद्ध चेनराई परिवार के त्यागमूर्त तथा पुणे क्वार्टर गेट सबजोन की पूर्व प्रभागी, ऋषिपुत्री दादी बृजशांता जी के अथक परिश्रम और तपस्या के बल से, और अविस्मरणीय, विद्यालय के पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी इन तीन प्रत्यक्ष त्रिवेणी संगम ने मन-वचन-कर्म से सेवार्थ होकर पुणे की भूमि को आध्यात्मिक ज्ञान से सींचा। शिवबाबा ने हमेशा ‘पूना प्यार का ओना’ कह पुणे की और भी गरिमा बढ़ाई।

जन-जन तक ईश्वरीय संदेश और मैडिटेशन के महत्व को अधिक उजागर करने हेतु पुणे वासी ब्रह्माकुमार, ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों ने विशाल स्थान का संकल्प किया। जहाँ भाई-बहनें अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकाल गहन तपस्या की अनुभूति कर सके। इस नि:स्वार्थ सेवा के संकल्प ने साकार रूप धारण कर देढ़ एकड़ जमीन पौड़ एरिया में पुणे-मुंबई हाइवे रोड पर ईश्‍वरीय सेवार्थ प्राप्त हुई और हंस सरोवर से नामांकित हुई।

ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय की संयुक्त प्रशासिका तथा महाराष्ट्र, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश और गोवा की झोनल इन्चार्ज, श्रद्धास्थानी, आदरणीया संतोष दीदीजी के करकमलों द्वारा श्रीफल समर्पित कर हंस सरोवर सेवास्थान का शुभारंभ हुआ।

हंस सरोवर का भूमिपूजन ब्रह्माकुमारीज़ अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू, राजस्थान के महातपस्वी, राजयोगी वरिष्ठ भाई-बहनें और पुणे क्वार्टर गेट सबजोन की मुख्य प्रशासिका आदरणीया पारू दीदीजी के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ।

क्वार्टर गेट सबजोन प्रभागी आदरणीय पारू दीदी जी के नेतृत्व में 101 सेवा केंद्र, 450 ब्रह्माकुमारी पाठशालायें, 200 समर्पित टीचर्स बहनें तथा 25,000 से भी अधिक ब्रह्मावत्स राजयोग का अभ्यास कर रहे हैं।

मुम्बई-बैंगलोर हायवे से 20 किमी दूरी पर पौड में निर्मित हो रहा है एक मनभावन स्थान ‘हंस सरोवर’।

गिरीवन, मुळशी डॅम, लवासा सिटी, ताम्हिनी घाट ऐसे प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण टूरिस्ट स्पॉट ‘हंस सरोवर’ के पास हैं।

निम्नलिखित सुविधाओं से यह छह मंजिल का भवन सुसज्जित होगा

  • 1.5 एकड़ भूमि क्षेत्र, 70,000 वर्गफूट निर्माण क्षेत्र।
  • 1200 सीटों की क्षमता का ऑडिटोरियम तथा एसी
  • कॉन्फरन्स रूम और म्यूजियम।
  • भोजन कक्ष, किचन, प्रशस्त पार्कींग, अतिथी कक्ष जैसी
  • आवश्यक सुविधाएं।
  • 200 लोगों की निवास क्षमता।